Protests erupt outside Kasba Police station as 3 arrested in alleged Kolkata college gang rape
न्यायमूर्ति जय सेनगुप्ता ने कहा कि राष्ट्रगान का सम्मान किया जाना चाहिए। इसे हथियार के तौर पर इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। एक तरफ भाजपा विधायक नारे लगा रहे थे दूसरी तरफ सत्ता पक्ष धरना कार्यक्रम कर रहा था। दोनों घटनाएं लगभग एक ही समय में शुरू हुईं। नारा तो पहले से ही चल रहा था। दूसरी तरफ से अचानक राष्ट्रगान शुरू हो गया।
कोलकाता। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने राष्ट्रगान के अपमान को लेकर भाजपा विधायकों के खिलाफ दर्ज मामले में बड़ी राहत दी है। इसके साथ ही पश्चिम बंगाल सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि राष्ट्रगान को हथियार की तरह इस्तेमाल न करें। गुरुवार को जस्टिस जय सेनगुप्ता ने कहा कि भाजपा विधायकों के खिलाफ मामले पर रोक 17 जनवरी तक के लिए रहेगी। इस मामले की अगली सुनवाई 10 जनवरी को होगी।
न्यायमूर्ति जय सेनगुप्ता ने कहा कि राष्ट्रगान का सम्मान किया जाना चाहिए। इसे हथियार के तौर पर इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। एक तरफ भाजपा विधायक नारे लगा रहे थे दूसरी तरफ सत्ता पक्ष धरना कार्यक्रम कर रहा था। दोनों घटनाएं लगभग एक ही समय में शुरू हुईं। नारा तो पहले से ही चल रहा था। दूसरी तरफ से अचानक राष्ट्रगान शुरू हो गया।
न्यायमूर्ति सेनगुप्ता ने इस संदर्भ में टिप्पणी की कि एक पार्टी एसएससी भ्रष्टाचार के आरोपों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करना चाहती है। आपने वहां राष्ट्रगान गया है तो क्या वे रुकेंगे ?
जज ने कहा कि दूसरे कार्यक्रम से राष्ट्रगान शुरू हुआ। उनके वकील राजदीप मजूमदार ने कहा कि वादी पक्ष ने भी इस घटना को स्वीकार किया है। उन्होंने सत्ता पक्ष के आरोपों से इनकार नहीं किया। लेकिन किन परिस्थितियों में राष्ट्रगान बजाया जाएगा, यह निर्णय का विषय है। ऐसे में राष्ट्रगान शुरू होने से पहले नारे नहीं लगाए गए। नारा तो पहले से ही चल रहा था। कोर्ट ने कहा कि अगर कहीं दंगा हो रहा हो वहां राष्ट्रगान बजा दिया जाए तो क्या दंगा रुक जाएगा ?